‘नेटफ्लिक्स’ विक्रम चंद्रा के नॉवेल पर आधारित ‘सेक्रेड गेम्स’ नाम से अपनी पहली सीरीज लेकर आया है. कंपनी ने ‘सेक्रेड गेम्स’ पर खूब शोर-शराबा हो, इसके लिए कोई कसर बाकी नहीं रखी है. जमीनी स्तर पर सड़कों, चौराहो से लेकर ऑनलाइन वेबसाइटों, यूट्यूब तक बस ‘सेक्रेड गेम्स’ ही सबके हत्थे चढ़ रहा है. इसके अलावा कंपनी ने बड़ी चालाकी से अपनी पहली ही सीरीज के लिए ‘बज क्रिएट’ करने हेतु एक्सपेरिमेंट के नाम पर विवादास्पद कंटेंट को परदे पर उतारा है. सीरीज के लॉन्च होने के कुछ ही घंटों बाद इसके कुछ सीन्स को लेकर कांग्रेस की ओर से विरोध जताया जा रहा है. कुछ कांग्रेसी कार्यकर्ताओं और आल इण्डिया सिने वर्कर एसोसिएशन द्वारा तो नवाजुद्दीन सिद्दीकी, शो के निर्माता विक्रमादित्य मोटवाने और अनुराग कश्यप के ऊपर केस भी दर्ज करवा दिया गया है.
‘नेटफ्लिक्स’ को सुर्खियों में बने रहने के लिए जैसा माहौल चाहिए था सब ठीक उसी तरह जा रहा है. कांग्रेसी कार्यकर्त्ता इस पर रोष व्यक्त कर रहे हैं तो भाजपा के नेता कांग्रेस विरोधी उन विवादास्पद कंटेंट को साझा कर के फ्री में ‘नेटफ्लिक्स’ की मार्केटिंग कर रहे हैं और कांग्रेस के लिए तो भाजपा -आरएसएस के विरोध के लिए कंटेंट ही कंटेंट है. सीधे तौर पर मॉरल ऑफ़ स्टोरी ऑफ़ सेक्रेड गेम्स यही है –
- नवाजुद्दीन सिद्दीकी के बेलेंसिंग एक्ट के चलते संजय राऊत के लिए मुसीबत खड़ी हो सकती है क्यूंकि उनकी आने वाली बायोपिक ब्लॉक-बस्टर में नवाजुद्दीन ‘हिन्दू हृदय सम्राट’ की छवि रखने वाले बालासाहेब ठाकरे का किरदार अदा कर रहे हैं.
- अपने दिलो-दिमाग को गिरवी रखकर सिने-सितारों के किरदार को ही उनके स्टेण्ड मानकर उनको फॉलो करने वाले, उनकी पूजा करने वाले दर्शकों को मान लेना चाहिए कि कमर्शियल आउटपुट के सामने विचारधारा की वैल्यू एक कटे हुए नाखून के टुकड़े के बराबर होती है चाहे वो ‘मियाँ कल आना’ बनाने वाले नवाजुद्दीन सिद्दीकी हो चाहे ब्लैक फ्राइडे बनाने वाले अनुराग कश्यप हो.
- आये दिन सोशल मीडिया और व्हाट्सअप की अफवाहों (फिक्शनल) के नतीजे से मोब लिंचिंग के प्रोपेगेंडा पर ‘डीपली कंसर्न्ड’ अनुराग कश्यप अति हिन्दू-वाद की दुहाई देते हुए ये भूल गए हैं कि उनके ‘प्लॉट एक्सपेरिमेंट’ के इस ‘प्रोफेशनल फिक्शन’ से भी वही हो सकता है जो एक झूठे व्हाट्सप्प मैसेज से.
- ‘नॉट इन माय नेम’, ‘हिन्दू एक्सट्रीमिज्म’, ‘मोदी विरोध’ और इनटॉलेरेंस के झंडाबरदारों के लिए एक संजीवनी मिल गयी है सेक्रेड गेम्स से.
- रिलीजियस फॉल्टलाइन्स अबतक चुनावों में कारगर होता था, अब ये ‘जीवन दर्शन’ का उच्च सिद्धांत है.
- हिन्दू-विरोध का प्रोपेगेंडा + अश्लीलता + गाली-गलौच = यही है कुल मिलकर नवाज़ और सैफ की ‘सेक्रेड गेम्स’
- कांग्रेस की ओर से विरोध तो हो रहा है लेकिन बेहद ही सेलेक्टिव तरीके से राजीव गाँधी के कंटेंट तक ही सीमित है. यहाँ भी कांग्रेस हिन्दू सेंटीमेंट्स के मालिकाना हक़ जताने में चूक रही है, बीजेपी तो राजीव गाँधी के गरियाने को लेकर ही खुश है.
- आखिर में, हिन्दू लाइफ इज कर्स एंड मुस्लिम लाइफ इज ठू वर्स।
‘सेक्रेड गेम्स’ की इस पूरी सीरीज के प्लाट में हिन्दू बनाम मुस्लिम के मसाले का तड़का मारा गया है. हिन्दू धर्मगुरु को मुंबई में न्यूक्लियर अटैक की प्लानिंग करते दिखाया गया है. मुस्लिम समुदाय को पीड़ित और एक सिक्ख पुलिस ऑफिसर भी है जो मुसलमानों के लिए न्याय और तथाकथित हिन्दू-आतंकवाद से देश को बचाने के लिए लड़ता है.
मुख्य कास्ट इस तरह से है:
हिंदू गैंगस्टर माफिया गणेश एकनाथ गायतोंडे यानि नवाजुद्दीन सिद्दीकी
सिक्ख पुलिस इंस्पेक्टर सरताज सिंह यानि सैफ अली खान
गायतोंडे का कट्टर हिन्दू गैंगस्टर साथी दीपक शिंदे उर्फ़ बंटी यानि जतिन सरना
भ्रष्ट नेता बिपिन भोंसले यानि गिरीश कुलकर्णी
भ्रष्ट पुलिस अफसर DCP पारुलकर यानि नीरज काबी
हिन्दू गुरू यानि पंकज त्रिपाठी
गुरूजी का खास आदमी त्रिवेदी यानि चित्तरंजन त्रिपाठी
कांस्टेबल काटकर यानि जीतेन्द्र जोशी
रॉ अफसर अंजलि माथुर यानि राधिका आप्टे
एपिसोड्स के टाइटल हिन्दू-पौराणिक कथाओं से चेपे गए हैं.
1. अश्वत्थामा
2. हलाहल-हलाहल
3. आतापी वातापी
4. ब्रह्महत्या
5. सरमा
6. प्रेतकल्प
7. रुद्र
8. ययाति
कम्युनलिस्म के रस से सराबोर कहानी पूरी तरह से हिंदू घृणा, हिन्दू रिलिजियस सेंटीमेंट्स का मज़ाक और ब्राह्मण विरोध के जातिवाद वाली बीमारी से ग्रस्त होकर सामने आती है. मानों, हिन्दू समुदाय के लोगों, हिन्दू राजनेताओं और हिन्दू स्पिरिचुअल लीडर्स को बदनाम करने के प्रोपेगेंडा के तहत लिखी गई है.

इस बड़े हद तक हिन्दू विरोधी कंटेंट होते हुए भी देश विदेश के बड़े-बड़े फिल्म समीक्षक तारीफों के पुल बांध रहे है. जो डायलॉग सबसे ज्यादा चर्चा की आग में मजे ले-लेकर भूना जा रहा है वह है –
भगवान को मानते हो? भगवान को लं@#$$ फरक नहीं पड़ता
सीरिज़ में हिन्दू-विरोधी प्रोपेगेंडा कुछ इस तरह फैलाया गया है:
1#
गणेश एकनाथ गायतोंडे के पिता एक पारम्परिक ब्राह्मण हैं जो परम्परा के तहत भिक्षा लेकर अपना जीवन यापन करते हैं लेकिन थोथे प्रोपेगेंडा के तहत उसको एक भिखारी के तौर पर प्रोजेक्ट किया जाता है. और गायतोंडे की माँ यानि ब्राह्मण की पत्नी को रंडी तक कहा गया है, दिखाया भी गया है.


2#
ब्राह्मण का बेटा होने के नाते गायतोंडे को मुंबई की शुद्ध शाकाहारी शुक्ला शेठ, हिन्दू होटल में काम मिल जाता है. लेकिन यहाँ सेठ से अपनी दुश्मनी के चलते गायतोंडे हिन्दू होटल के खाने में मांस मिला देता है. डायलॉग आता है –
यदि कट्टर हिन्दू हो तो हड्डी ही काफी है

3#
DCP पारुलकर को एक मुस्लिम युवक का फेक एनकाउंटर करते दिखाया गया है. जिसमे पूरे डिपार्टमेंट के हिन्दू पुलिस साथी पारुलकर के साथ है, सिवाय सिक्ख पुलिस इंस्पेक्टर सरताज सिंह के.

4#
हिन्दू पुलिस वाला मुसलमानों के बारे में क्या सोचता है यह बताने के लिए कांस्टेबल काटेकर को एक डायलॉग बुलवाया गया है –
बंगाली बुरा वाले बांग्लादेशी सब. इनके लिए क्या डिपार्टमेंट से लफड़ा करना? गाय खाते हैं. ईद पर आड़ा-टेढ़ा गाड़ी चलाते हैं. ये लोग है ही ऐसे मादर@##$

5#
बंटी जो एक रामायण भक्त है उसको हिन्दू-मुस्लिम के दंगों की वजह बताया गया है. उसके लिए गायतोंडे डायलॉग मारता है:
दुनिया की गैंग में हिन्दू-मुस्लिम वाला आग वही लगाया साला.

6#
बंटी की बहन को एक मुस्लिम युवक की माशूका के तौर पर दिखाया गया है. एक डायलॉग में बंटी अपनी बहन को कहता है –
क्या तू इन मुस्लिम लोगों के चक्कर में पड़ी है. खड़ा भी होता है उसका? तब बंटी की बहन उत्तर देती है – इतना गहरा अंदर जाता है ना तेरा (हिन्दू) हाथ भी ना पहुंचे!

7#
बिपिन भोंसले जो कि एक हिन्दू नेता है उसको गायतोंडे की मदद से हिन्दू-मुसलमानों के बीच दंगा कराने के जरिये से अपना पहला चुनाव जीतना हुआ बताया गया है.

8#
इस सीरीज के चौथे एपिसोड में रामलीला के एक दृश्य के दौरान हिन्दू भावनाओं को ठेस पहुंचाते हुए हिन्दू महाकाव्य ‘रामायण’ का मजाक उड़ाया गया है और कहानी को कुछ इस तरह पेश किया गया है कि लक्ष्मण के मूर्छित हो जाने पर राम उन्हें ‘संजीवनी बूटी’ की जगह एक कोल्ड-ड्रिंक पिलाकर जीवित करते हैं.
9#
बाबरी विध्वंस के समय हिन्दु समुदाय की सोच क्या थी इसे बताने के लिए एक हिन्दू लड़के की माँ को गायतोंडे से यह कहते हुए बताया गया है कि –
मुझे पैसा नहीं चाहिए. तुम हिजड़े (हिन्दू) मर्द बनो और एक हिन्दू के बदले 10 मुसलमानों की हत्या करने के लिए कह दो.
10#
इन्हीं दंगों में गायतोंडे की पत्नी सुभद्रा की हत्या हो जाती है जिसके बाद वह मरते-मरते कहती है –
रावण जब सीताजी को उठा कर ले गया था तब रामजी ने क्या किया था? हनुमान को भेजा था. फिर हनुमानजी ने लंका जलाई थी. रामजी ने क्या किया था? रावण का वध किया था.
11#
रामायण की उस पूरी कहानी में राम की जगह गायतोंडे. सीता की जगह सुभद्रा. रावण की जगह मुसलमानो का नेता सुलेमान ईशा. हनुमान के तौर पर गायतोंडे के आदमी और लंका की जगह मुसलमान और उनकी बस्तियां. इस तरह से प्रोजेक्ट किया गया है. रामायण का दृष्टांत देकर मुसलमानों की हत्या करने के लिए और उनकी बस्तियों में आग दहकाने के लिए उकसाया जाता है.यहाँ गायतोंडे डायलॉग मारता है –
बाबर की नाजायज औलादों को उन्हीं की नर्क की आग में जला कर राख कर दो.
12#
महाभारत के दृष्टांत को लेकर त्रिवेदी भारत की परिभाषा देता है –
वीर्य की वर्षा से बना वर्ष – मतलब भारत-वर्ष

13#
अंत में हिन्दू नेता बिपिन भोंसले को जब आतंकवादी प्रवृत्तियों के लिए लगभग दोषी साबित कर ही दिया जाता है तब उसको यह कहते बताया गया है
आपने तो इतिहास में यह तक नहीं पढ़ा कि हम (हिन्दू) दुनिया कि सबसे शांतिप्रिय सभ्यता हैं. हमने कभी पहला वार नहीं किया. और इस बार भी नहीं करेंगे. लेकिन अगर वार हुआ तो हम चुप नहीं रह सकते. हमें तैयार रहना है.
सीरीज़ देखने के बाद मानों आपको अहसास हो ही जाएगा कि ‘Sacred Games’ यह ‘हिन्दू-आतंकवाद’ की थ्योरी को सही ठहराने और जातिवाद के जहर को समेटे हुए हिन्दू समुदाय की छवि को धूमिल करने की साजिश के तहत नेटफ्लिक्स पर उतारी गई है.
फिल्म में कुछ कांग्रेस विरोधी टिप्पणियां भी है:
14#
इंदिरा गाँधी की इमरजेंसी का जिक्र होता है जहाँ डायलॉग मारा जाता है –
1977 में देश में इंदिरा गाँधी की इमरजेंसी चालू थी, सरकार लोगों के लं@#$$ काट के ले जा रेली थी.
15#
राजीव गांधी के सम्बन्ध में नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी का किरदार कहता है –
शाहबानो को अलग जलाया, देश को अलग. शाह बानो अपने पति के ख़िलाफ़ कोर्ट गई और केस जीत गई. लेकिन प्रधानमंत्री वो फट्टू उसे चुप रहने को बोला और कोर्ट के फैसले को ही पलट दिया. हिंदुओं ने भी इस फैसले की आलोचना की. उन्हें खुश करने के लिए हर रविवार को रामायण धारावाहिक प्रसारित किया जाने लगा, जिसके बाद पूरा देश टीवी से चिपक गया.
16#
बोफोर्स के सम्बन्ध में नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी का किरदार कहता है –
मां मरी तो बेटा पीएम बन गया. पीएम बन के बोफोर्स का घोटाला किया. अपुन सोचा जब देश के पीएम का कोई ईमान नहीं तो अपुन सीधे रास्ते चलकर क्या करेगा?
डिसक्लेमर - पेश किये गए विजुअल्स पर नेटफ्लिक्स का स्वामित्व है. यहाँ उन्हें रिव्यू और स्टोरी के नजरिये से साभार लिया है.
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Excerpt:// New Netflix show ‘Sacred Games’ has erupted a huge nation-wide controversy. And it’s very interesting to note that so far whatever the objection that has been taken is only regarding political dialogues mainly made against Ex-PM Rajiv Gandhi. But unfortunately, there has been no objection taken against its whole lot of content which is communal, full of hatred towards Hinduism and portraying its seers and sages in a bad light!