बीते अक्टूबर महीने में , इंडिया टुडे के धर्मांतरण को लेकर किए गए के एक स्टिंग ऑपरेशन में PFI यानि पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया (Popular Front of India) की महिला मोर्चे की प्रमुख जैनबा ए. एस. ने खिलखिलाते हुए कबूल किया कि धार्मिक शिक्षा की आड़ में उसने 5000 हिन्दुओं और क्रिश्चियन्स का इस्लाम में धर्मांतरण करवाया है. जैनबा की बातो से मालूम हो रहा था कि धर्मांतरण को लेकर PFI किसी भी हद तक जा सकता है जिनमें कोचिंग इंस्टिट्यूट, चैरिटबल ट्रस्ट और लव जिहाद मुख्य हथियार हैं.

इस वाकये के तीन महीने बाद, आज एक बार फिर PFI सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहा है. हैशटैग है #BanPFI
हुआ कुछ यूँ है कि RSS के स्वयंसेवक की हत्या वाले केस में NIA ने अपनी चार्जशीट दायर की है, जिसमें साफ लिखा हुआ है कि “RSS के स्वयंसेवक रुद्रेश की हत्या के मामले में गिरफ्तार सभी 5 आरोपी PFI और उसके राजनीतिक दल SDPI के सदस्य हैं. आरोपीयों में से किसी की भी मृतक रुद्रेश के साथ निजी दुश्मनी नहीं थी. उसे केवल RSS के सदस्य होने की वजह से मारा गया था. PFI, अपनी बड़ी योजना के भाग के रूप, RSS और उसके साथी संगठनों को निशाना बना रहा है ताकि वह ऐसी संस्थाओं और उनके लोगों के बीच खौफ फैलाने के अपने उद्देश्य को हांसिल कर सके. यह हत्या साफ तौर पर एक आतंकवादी हरकत है!”

NIA की इस चार्जशीट के बाद टीवी मीडिया से लेकर सोशल मीडिया तक, सभी जगह एक ही आवाज़ उठ रही है – #BanPFI
Some Members of Kerala PFI joined ISIS recently but the organization is still functioning in India.
Shouldn't such radicalized outfits be banned ASAP?#BanPFI pic.twitter.com/isdhCF6mbo— Rita (@RitaG74) January 10, 2018
#BanPFI I m from kerala . And as a Hindu , my family and our community is not safe .
— Dr Varun purushotham (@xyz_varun) January 10, 2018
UNDER SECTION 35 OF UNLAWFUL ACTIVITIES (PREVENTION) ACT, 1967 Government of India has all powers to #BanPFI , Will Rajnath act ?
— Girish Bharadwaja (@Girishvhp) January 5, 2018

#BanPFI.#BanPFI Demand..we kerala people are peace loving . Hindusof kerala are living in fear now..pls ban PFI
— Reshmarajeev (@reshmarajeev23) January 10, 2018
Jaish e Mohammed changed it's name to Lasjker e Toiba. Likewise SIMI changed it's name to PFI! #BanPFI
— Golden Arrow (@ChocolateLavaC1) January 10, 2018
#BanPFI
PFI/SDPI/SIMI/ KFD are all same. Old wine in new bottle. They are all anti nationals , criminals and hence should be banned— Manjunatha Prasad K (@manjunathkmp) January 10, 2018

गौरतलब हैं कि PFI वही संगठन हैं जिसे फेस ऑफ़ अलकायदा के नाम से जाना जाता हैं. खुफिया रिपोर्टस में इसका प्रतिबंधित आतंकी संगठन ‘सिमी’ से रिश्तो का खुलासा बहुत पहले ही हो चुका हैं. PFI पर पहले से ही आरोप है कि वह हवाला फंडिंग और कालिताना हमले में भी शामिल रहा है और संगठन के संपर्क, इस्लामिक स्टेट से हैं. केरल पुलिस ने भी दावा किया था कि उन्होंने कन्नूर जिले के 6 ऐसे PFI कार्यकर्ताओं का पता लगाया है, जो इस्लामिक स्टेट में शामिल हो चुके हैं. कन्नूर के डिप्टी एसपी ने बताया था कि सभी 6 लोग राज्य में PFI के सक्रिय कार्यकर्ता रहे हैं. पुलिस का कहना था कि ये सभी लोग फर्जी पासपोर्ट के सहारे भारत के बाहर संभवत: सीरिया पहुंचे थे और इनके नाम नाम अब्दुल गयूम, अब्दुल मनफ, शबीर, सुहेल, सुहेल की पत्नी रिजवाना और सफवान हैं.
केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने 2009 में केरल के गृह मंत्रालय और पुलिस महानिरीक्षक को एक पत्र भेजकर PFI की गतिविधियों पर नजर रखने को कहा था लेकिन राज्य सरकार ने इसे गंभीरता से नहीं लिया और अब यह संगठन केरल, कर्नाटक से इस्लामियत की बाते करता हुआ उत्तर भारत में पिछड़े और अल्पसंख्यकों के हक के लिए लड़ने का दावा करने लगा हैं.
वैसे एक आश्चर्य की बात तो यह भी है कि इतना सब जानते हुए भी कुछ दिनों पहले पूर्व उप-राष्ट्रपति मुहम्मद हामिद अंसारी PFI के एक कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए थे.
പോപുലർ ഫ്രണ്ട് ഇന്ത്യ ചെയർമാൻ ഇ അബൂബക്കർ മുൻ ഉപരാഷ്ട്രപതി ഹാമിദ് അൻസാരിയിൽ നിന്ന് ഉപഹാരം സ്വീകരിക്കുന്നു.
Posted by Popular Front of India – Kerala State on Saturday, September 23, 2017
हम जानते हैं कि मुहम्मद हामिद अंसारी एक ऐसी शख्सियत हैं जिन्होंने उप-राष्ट्रपति के गैर-राजनितिक और धर्मनिरपेक्ष पद पर रहते हुए भी धर्म और पक्षपात की चादर ओढ़े रखी थी. वे अब उप-राष्ट्रपति नहीं हैं लेकिन PFI के कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल होकर उन्होंने बड़े संवैधानिक ओहदे की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया है.
PFI ने 2009 में अपनी स्थापना के साथ ही आश्चर्यजनक रूप से 10 हजार से अधिक सदस्यों की बटालियन बना ली है. साथ ही इसके पास मुस्लिम समाज के बुद्धिजीवी, राजनीतिक और मजहबी लोगों का जुड़ाव भी है. यह संगठन मुस्लिम समाज के उत्थान और उसकी रक्षा के दावे करता है लेकिन इससे जुडी ख़बरें कुछ और ही कहानी बयाँ करती हैं:
- सिमी से जुड़े रहे लगभग सारे मुखिया आज PFI के विभिन्न पोर्टफोलियो संभाल रहें हैं. पूर्व चेयरमेन अब्दुल रहमान सिमी के राष्ट्रिय सचिव रह चुके थे और राज्य सचिव अब्दुल हामिद मास्टर सिमी के भी राज्य सचिव रह चुके थे.
- जुलाई 2016, PFI द्वारा AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और भगौड़े इस्लामिक उपदेशक डॉक्टर जाकिर नाइक के पक्ष में आयोजित एक जुलूस के दौरान पाकिस्तान के पक्ष में नारेबाजी हुई थी. जिसके बाद मिथिलांचल क्षेत्र के सचिव मोहम्मद तौसीफ़ को गिरफ्तार किया गया था.
- 2015, बेंगलुरु से 275 किलोमीटर दूर शिवमोगा में PFI के कार्यकर्ताओ ने RSS के स्वयंसेवकों पर जानलेवा हमला किया गया था. जिसमें बाइक सवार स्वयंसेवक विश्वनाथन का निधन हो गया था.
- अप्रैल 2013 को, केरल पुलिस ने PFI के एक ट्रेंनिंग कैंप से बम, बम बनाने के कच्चे माल और बम बनाने की पुस्तिकाओं के साथ 21 कार्यकर्ताओं को अरेस्ट किया था.
- 2012 में केरल सरकार ने हाईकोर्ट को एक हलफनामें में सूचित किया कि PFI 27 हत्याओं के मामलों में सक्रिय भागीदार है. जिसमे ज्यादातर RSS और CPIM के कार्यकर्ता थे.
- जुलाई 2012, कन्नूर में PFI के सदस्यों ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के 2 छात्र नेताओं एन. सचिन गोपाल और विशाल पर कथित तौर पर हमला कर हत्या कर दी थी.
- 2012 असम दंगो के बाद PFI ने “SMS हेट कैंपेन” लांच किया था. जिसके तहत एक ही दिन में 60 मिलयन ज्यादा मेसेज भेजे गए, जिसमे से 30% के करीब मेसेज पाकिस्तान से अपलोड हुए थे. इसके बाद देश के गृहमंत्रालय को 15 दिनों के लिए एक साथ किये जाने वाले SMS और MMS को बेन करना पड़ा था.
- जनवरी 2011, PFI के कार्यकर्ताओं ने प्रोफ़ेसर टी. जे जोसेफ पर हमला कर उनका दाहिना हाथ काट दिया था. इस घटना के बाद केरल पुलिस ने 27 PFI के कार्यकर्ताओं के खिलाफ चार्ज शीट फाइल की और केस NIA को सौंप दिया गया. 2015 में, अदालत ने PFI कार्यकर्ताओं को दोषी ठहराते हुए 10 कार्यकर्ताओं को 8 साल की जेल की और 3 को 2 साल की सजा सुनाई गई. बचे हुए कार्यकर्ताओ को सबूतों के आभाव में बरी कर दिया गया.
- जुलाई 2010, केरल पुलिस ने कन्नूर जिले के मल्लप्पुरम् (इडक्कड़) में एक मस्जिद से सटे PFI के ठिकाने पर छापेमारी के दौरान 10 बम, 15 तलवारें, 3 गडांसे, विदेश निर्मित चाकू, नकली सिम कार्ड, फर्जी पहचान पत्र और अल-क़ायदा के प्रचार सामग्री को जब्त किया था.
- आईबीएन 7 की रिपोर्ट के मुताबिक इस संगठन से जुड़े अस्सी से नब्बे फीसदी लोगों के तार या तो खाड़ी देशों से या फिर विदेशों से जुड़े हैं.