हाल ही में, 20 दिसम्बर को दिल्ली की शाम पत्रकारों के लिए रेवड़ी की शाम थी. जी हाँ, इस शाम को रेवड़ी बांटी गयी, रामनाथ गोयनका अवार्ड के रूप में. साहस की पत्रकारिता जो कि इंडियन एक्सप्रेस समूह का मूल वाक्य भी है, और इस पुरस्कार से नवाजने के पीछे की मूल भावना भी यही बताई जाती रही है. इंडियन एक्सप्रेस अख़बार की कुछ खास तरह के मसलों पर एक अलग धारा है, ये मसले होते हैं जिन पर सत्ता विरोधी बनने की ललक दिखायी जा सके. बिना किसी भय के हिन्दू एक्टिवस्ट संगठनों को, हिंदुत्व की तरफ झुकाव रखने वाले राजनैतिक संगठनों को गरियाया जाता हो.


इस बार इस अवार्ड को लेने वालों में दो नाम ऐसे हैं जो उन वेबसाइट्स से सम्बन्ध रखते हैं, जो प्रोपेगेंडा फ़ैलाने में माहिर हैं. इस बार अंग्रेजी समाचार वेबसाईट स्क्रोल डॉट इन की ही हिंदी वेबसाईट सत्याग्रह के रिपोर्टर राहुल कोटियार, और द वायर से संगीता बारुआ, जिन्हें एक हिन्दू और एक मुसलमान युवक के द्वारा किये एक प्रयोग, जिसमें दोनों एक साथ रह कर धार्मिक तौर पे अलग होते हुए किस तरह का सामंजस्य रख पाये, इसी स्टोरी पर एक रिपोर्ट के लिए संगीता को चुना गया. सो फनी!!
#RNGawards Ravish Kumar of NDTV India (Broadcast) and Rahul Kotiyal of https://t.co/nOYhRjHmAY (Print) take home the award in Hindi journalism category.
WATCH LIVE: https://t.co/p2OeDM1IiI— The Indian Express (@IndianExpress) December 20, 2017
The Wire’s @sangbarooahpish wins Ramnath Goenka Award for Feature Writing https://t.co/kkp9GgtLHm#RNGAwards pic.twitter.com/VxUESxs4RU
— The Wire (@thewire_in) December 20, 2017
राहुल कोटियार को किस लिए चुना गया? तो इसका जवाब लव जिहाद पर एक स्पेशल रिपोर्ट के लिए, जो सत्याग्रह में पब्लिश हुई. अगर इस रिपोर्ट की बात करें तो ये एक केस स्टडी बताई गई, जिसमें देहरादून की एक हिन्दू लड़की नोएडा में जॉब करती है और वहां वो एक मुस्लिम लड़के के साथ प्यार में पड़ जाती है. जिसके बारे में एक हिन्दू संघटन का कार्यकर्त्ता उसके मामा के लड़के को बताता है और मामा का लड़का लड़की के घरवालों को बताता है कि बहन किसी मुस्लिम लड़के के साथ लव जिहाद के जाल में फंस गई है. जिसके बाद लड़की के घरवाले लड़की को घर बुला लेते हैं.
कुछ हिन्दू संगठन के कार्यकर्ता उनके घर आकर उन्हें लव जिहाद के बारे में समझा रहे होते हैं कि क्या होता है, कैसे मुस्लिम लड़के हिन्दू लड़कियों को प्यार के जाल में फंसाकर जिहाद करते हैं. लड़की के घरवाले उसकी शादी के लिए अपने समाज का लड़का देखने लगते हैं.
राहुल कोटियार ने इस रिपोर्ट में हिन्दू संगठनों के लव जिहाद को रोकने के अभियान के साथ-साथ एक तथाकथित ‘’बेटी बचाओ बहू लाओ’’ अभियान पर हिन्दू संगठन किस तरह से काम करते हैं इस पर विस्तार से लिखा है. अब आपको बता दें कि इस पूरी रिपोर्ट में न तो लड़के के बारे में जानकारी दी गई कि कौन था, क्या नाम था, कहाँ का रहने वाला था, जिसके आधार पर लड़के के संबंधों का पता लगाया जा सके, जैसे लड़की के ममेरे भाई के हिन्दू संगठनों के साथ सम्बन्ध का तो जिक्र किया गया पर उस मुस्लिम लड़के के किसी संगठन या मुहिम का हिस्सा होने का पता कैसे चले?
सच कहें तो ये कोई रिपोर्ट नहीं, ये बस एक कोरी टिप्पणी थी. जो एक लव जिहाद के गंभीर मुद्दे पर अपनी सुविधा के अनुरूप कम्फर्ट जोन में रहकर लिख दी गई. इन महाशय ने ‘’बेटी बचाओ बहू लाओ’’ अभियान को हिन्दुओं की साजिश का हिस्सा तो बताया, और साथ ही लव जिहाद की एक कहानी भी लिख दी. अब चलो देहरादून की लड़की के इस किस्से को तो बेटी बचाओ अभियान का उदाहरण मान लेते हैं. और सच यही है कि इस तरह के सैंकड़ों उदाहरण पिछले दिनों सामने आये हैं, जिनमें ज्यादातर मामलों में ये एक मुहिम का हिस्सा पाए गए, जिसमें किन्हीं इस्लामिक संघठनों से प्रोत्साहन और लव जिहाद को बढ़ावा देना भी शामिल रहा.
इन्ही पर गंभीरता दिखाते हुए हिन्दू संगठन लव जिहाद को लेकर मुखर हुए हैं. ये तो हो गई बेटी बचाओ की बात अब बात करें बहू लाओ की, तो राहुल कोटियार ने अपनी रिपोर्ट को चटकारेदार बनाने के लिए ऐसा स्लोगन तो लिखा पर इस से सम्बंधित एक भी केस का जिक्र नहीं किया. अरे! भाई थोड़ा तो दिमाग लगा लेते, जय श्री राम बोल के या तिलक लगा के भगवा गमछा डाल के कोई लड़की प्रेम जाल में फँसाई जाती है क्या? और वो भी बुरके वाली. लेकिन आप कितना ही लव जिहाद पर हिन्दू समाज को गरीयाओ और पुरस्कार पाओ, पर जो घटित हो रहा है उसे तो नाकारा नहीं जा सकेगा.
माना प्रेम एक एहसास है और वो जाति, धर्म और सरहद की बन्दिशों को नहीं मानता और प्रेम के इस अहसास की खुशबू हमने भी ली है. पर जब प्यार में इन्हीं जाति, धर्म और सरहद के अनुपात में असंतुलन होने लगे, मतलब सीधा सा है कि मुस्लिम लड़की के साथ हिन्दू लड़के की प्रेम कहानी का एक केस हो और वहीं मुस्लिम लड़कों के साथ हिन्दू लड़कियों के सैकडों मामले हों. प्यारस्थितिक संतुलन नहीं होगा तो चिंता तो होगी ही भाई. अब गलती से कोई जायरा दिनेश से प्यार कर बैठे तो पूरी सम्भावना है इस बात की कि दिनेश या तो जायरा से हाथ धो बैठेगा या जान से.
खैर आज के लिए इतना ही पर जो केस स्टडी करना राहुल भूल गये, जल्द ही हम करेंगे उनका अधूरा काम पूरा. हमारे पास हैं लव जिहाद के धरातल वाली सच्चाई से जुड़े कुछ मामले. और हाँ ….आने वाली इस रिपोर्ट के लिए किसी अवार्ड की उम्मीद तो हमें बिल्कुल नहीं है.