वासना का उन्मत्त नर्तन है व्यभिचार by शास्त्री कोसलेन्द्रदास 2 years ago2 years ago समर्थन में सही पकडे हैं
महर्षि वात्स्यायन के ‘कामसूत्र’ में सेक्स के कई स्वरूप, लेकिन समलैंगिकता का कोई जिक्र नहीं! by शास्त्री कोसलेन्द्रदास 3 years ago3 years ago Hot समर्थन में