1325 में चोरी हुई लकड़ी की बाल्टी, जिसने इतालवी शहर-राज्यों बोलोन्या और मोदेना के बीच युद्ध को उकसाया।

एक बाल्टी में पानी ही नहीं, किसी की इज्जत भी भरी जा सकती है. लगता तो यही है यदि हम 13वीं शताब्दी में हुए इस इटली के इतिहास के पन्नों में दाखिल इस लड़ाई पर गौर फरमायें. एक तरह से, सभी युद्ध मूर्खता के परिणामस्वरूप घटित होते हैं – लेकिन जैपोलिनो की लड़ाई की मूर्खता का कोई सानी नहीं, जो एक मूर्खतापूर्ण बाल्टी पर छेड़ा गया था!

ओक की लकड़ी से बनी बाल्टी’ का युद्ध यानि ‘द वॉर ऑफ़ द ओकन बकेट’, के नाम से लोकप्रिय, इटली के बोलोन्या और मोदेना के प्रतिद्वंद्वी शहर-राज्यों के बीच 1325 में लड़ा गया था। यह तब शुरू हुआ जब मोदेनीज सैनिकों के एक समूह ने बोलोन्या में घुसकर शहर के केंद्र में स्थित एक कुएं से पानी निकालने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली एक ओक की बाल्टी चुरा ली। जबकि बाल्टी का खुद में कोई ऐतिहासिक या भावुक मूल्य नहीं था, फिर भी इस अपमान ने बोलोन्या के गौरव को चोट पहुंचाई, और अपमानित बोलोन्या ने बाल्टी वापस करने की मांग की। मोदेनीज ने इनकार कर दिया जिससे बोलोन्या के शासक नाराज हो गए और उन पर युद्ध की घोषणा की गई।

बोलोन्या के पास 30,000 पैदल सैनिकों और 2,000 घुड़सवारों की एक विशाल सेना थी, और वो उस जंग-ए-मैदान में आ डटी, जो अब जैपोलिनो का हिस्सा है। इसीलिए इसे ‘वॉर ऑफ़
जैपोलिनो’ भी कहा जाता है और उनका सामना करने के लिए एक बौनी सी सेना थी, जिसमें केवल 5,000 पैदल सिपाही और 2,000 घुड़सवार शामिल थे जिन्हें मोदेना इकट्ठा कर पाई थी। मोदेनीज ने खुद को अपने दुश्मन, बोलोन्या के सैनिकों द्वारा मैदानों में अजीब तरह से घिरे हुए पाया, क्योंकि वे आसपास की पहाड़ियों और ऊंचे मैदानों पर पहले ही कब्जा कर चुके थे.

लगभग ‘छह के मुकाबले एक’ और व्यावहारिक रूप से दुश्मन से घिरे होने के बावजूद, मोदेना की सेना ने बहादुरी से लड़ाई लड़ी और कुछ ही घंटों में लड़ाई खत्म हो गई – बोलोन्या की सेना मैदान छोड़कर भागने लगी, मोदेना की सेना ने उनका पीछा किया। मोदेनीज सेना ने न केवल बोलोन्या की सेना का पीछा किया, बल्कि वे वास्तव में शहर के फाटकों के माध्यम से घुसने में कामयाब रहे और रेनो नदी पर कई महल नष्ट कर दिए और एक जलद्वार का ताला तोड़ दिया, जिससे शहर पानी से वंचित हो गया। इस समय, मोदेना की सेना शहर की अच्छी तरह से घेराबंदी कर सकती थी, लेकिन उन्होंने यह नहीं चुना। इसके बजाय, उन्होंने अपने दुश्मन को अपमानित करने का फैसला किया। मोदेना के सैनिकों ने शहर के ठीक बाहर अपने हारे हुए दुश्मनों का उपहास करते हुए एक अभ्यास घुड़दौड़ – एक प्रकार की मध्ययुगीन खेल (एथलेटिक) प्रतियोगिता- का आयोजन किया ताकि वे “मुहिम पर भेजे गए लोगों को श्रद्धांजलि दे सकें और बोलोन्या के सार्वकालिक बेइज़्ज़ती का उत्सव मना सके “। इतने पर भी बोलोन्या शर्मिंदा नहीं हों शायद, तो मोदेना वापस लौटने से पहले, सैनिकों ने शहर के गेट के बाहर के एक कुएं से दूसरी बाल्टी चुरा ली।

इस हास्यास्पद और पूरी तरह टाली जा सकने वाली झड़प में लगभग 2,000 लोगों ने अपनी जान गंवा दी।

लेकिन उस दिन क्या हुआ था कि उत्तरी इटली में दो युद्धरत गुटों (गुआल्फ और गिबेलिन्स) के बीच लंबे समय से चले आ रहे झगड़े की परिणति थी, जो मध्ययुगीन यूरोप में राजनैतिक शक्ति नियंत्रण के लिए वेटिकन और रोमन साम्राज्य के बीच एक बड़े शक्ति संघर्ष के विरोधी पक्ष में थे। उत्तरी इटली के कई शहरों में दोनों पक्ष अक्सर एक-दूसरे के साथ टकराते रहे, और दोनों गुटों के बीच प्रतिद्वंद्विता राजनीति से परे हो गई। शायद शेक्सपियर के रोमियो और जूलियट में मोंटेग और कैपुलेट के काल्पनिक परिवारों के बीच झगड़ों का आधार या प्रेरणा प्रसिद्ध गुल्फ-गिबेलिन का झगड़ा ही है।

युद्ध के बाद, दोनों पक्ष शांति के लिए सहमत हुए और मोदेना ने कुछ संपत्तियों को लौटा दिया, जो पहले बोलोन्या से कब्जा कर लिया था, गुड जेस्चर के रूप में। लेकिन बाल्टी? वह कभी वापस नहीं की गयी! आज तक मोदेना शहर ने इसे टॉरे डेला घेरालैंडिना (Torre della Ghirlandina) के तहखाने में रखा है। अब मोदेना के टाउन हॉल म्यूजियम में मूल वस्तु की प्रतिकृति दिखाई देती है।

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