हंगामा है क्यूँ बरपा, थोड़ी सी गाली दी है,
बुरा तो नहीं लगा, मतलब भी ये नहीं है!
वाह! गुलाम अली के ‘हंगामा है’ वाले गाने को थोड़ा तोड़ा-मरोड़ा है लेकिन क्या करें साहब, आज हंगामा ही कुछ ऐसा बरपा है!
आजकल भारत में ज्यों ज्यों नेताओं की फितरत बदल रही हैं त्यों त्यों फ़िल्मी हस्तियों, खिलाडियों, पत्रकारों, मीडिया एजेंसियों सबकी जलालत सामने आ रही हैं! कुछ नया करने और करवाने के चक्कर में हरकोई हद पार करता दिख रहा हैं. मानो सबके सब देश की सहिष्णुता की फिरकी ले रहें हैं!
नवरात्रि के दिनों में सनी लियोनि के ‘इस नवरात्रि खेलो, मगर प्यार से’ वाले पोस्टर्स से जिस तरह मेनफोर्स ने नासाज़ पब्लिसिटी बटोरी थी. उसकी सफलता को देखते हुए, रेस्ट्रोरेन्टस की सर्च इंजिन वेबसाइट जोमाटो ने भी अपने प्रमोशन के लिए वैसा ही एक नागवार तरीका अपनाया था, जिसपर लोगो ने तुरंत ही अपनी नाराजगी ज़ाहिर करना शुरू दी. बाद में कंपनी की ओर से माफ़ी मांग ली गई लेकिन तब तक तो अच्छी खासी पब्लिसिटी बटोरी ली गई. हरेक न्यूज़ वेबसाइट पर इसकी सुर्खियाँ थी. नेगेटिव ही सही, पब्लिसिटी तो थी! बेशक मकसद पूरा हो चुका था.
दरअसल, जोमाटो ने अपने प्रमोशन के लिए MC, BC जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया था. हाँ, वही शब्द जो AIB वाले हमेशा फांकते रहते हैं. जोमाटो ने अपने प्रमोशनल पोस्टर में MC का फुल फॉर्म मैक एंड चीज़ और BC का बटर चिकन बताया था.

कंपनी ने तो बता दिया लेकिन सबको पता हैं इन शब्दों का उपयोग गाली के तौर पर होता हैं. कंपनी के इस आपत्तिजनक विज्ञापन को देखकर लोगो ने एकाएक सोशल मीडिया पर जोमाटो को आड़े हाथो लेना शुरू किया. ग्रो-अप, ढोंगी, डर्टी माइंडस, अब्यूसिव, शेम ओन यु जोमाटो, रिडिक्युलस, तरह तरह के कमेंट्स आना शुरू हो गए. मशहूर सोशलाट सुहेल सेठ ने तो इस ऐड पर गुर्राते हुए स्मृति ईरानी तक को टैग कर दिया.
Shame on you @ZomatoIN ! Absolutely shameful what you’ve attempted to do. Your investors should be sickened by your behaviour! @smritiirani : this is outrageous. @ascionline pic.twitter.com/pSChhHSrxo
— SUHEL SETH (@suhelseth) November 30, 2017
बहरहाल, आलोचनाओं की बाढ़ में बह जाने से पहले, कंपनी के मालिक पंकज चड्ढा ने इस पर सफाईयाना माफ़ी मांगते हुए ट्वीट किया कि, ”हमारा ऐसा मतलब नहीं था, लेकिन हम देख सकते हैं कि यह कैसे लोगों को बुरा लग सकता है और हम इसके लिए माफी मांगते हैं. हम तत्काल प्रभाव से इस विज्ञापन को हटाएंगे”.
Hey, while we didn't mean to, we can see why it can be offensive to people, and we apologize for it.
We will take this ad down with immediate effect. cc @AksharPathak @prao24— Pankaj Chaddah (@pankajchaddah) November 30, 2017
वैसे, इस तरह के विवादित कंटेंट को लेकर हंगामा बरपाने वाला यह तरीका आज का नहीं, बहुत पुराना हैं. कम्पनियों को मालूम हैं कि यहाँ अपमानजनक सामग्री को परोसा गया तो पब्लिसिटी जल्दी मिलेगी! और मिली भी है! यहाँ हम पेश करते हैं, त्वरित पब्लिसिटी लेने के लिए बनाए गए 5 सबसे विवादित पोस्टर्स:
#1

टफ शूज फूटवेर (1995) – मिलिंग सोमन और मधु सप्रे के इस विवादित विज्ञापन के कारण दोनों पर अश्लीलता फ़ैलाने का केस दर्ज करते हुए मुम्बई पुलिस ने अजगर के इस्तेमाल पर वाइल्डलाइफ प्रोटेक्शन ऐक्ट के तहत दोनों को हिरासत में लिया था.
#2

कैलिडा पेंटीस (1998) – इस इनरवियर कंपनी को तो लोग आज भूल गए होंगे लेकिन बिपाशा बासु और डीनो मोरिया के उस पोज को नहीं भूले होंगे जो इस विज्ञापन में दिखाया गया था. इस विज्ञापन के खिलाफ कई महिला संगठनों ने विरोध किया था जिसके बाद इसे बैन कर दिया गया था. बाद में बिपाशा ने भी इस पर कहा था कि वह बेहद निजी क्षण थे, जिनकी न तो फोटोग्राफी की जानी चाहिए थी और न उसका इस्तेमाल किया जाना चाहिए था.
#3

पेटा इंडिया (2009) – पेटा के एक सर्कस विरोध विज्ञापन के लिए शर्लिन चौपडा बता रही हैं कि, ‘कोड़े और चेन का इस्तेमाल बेडरूम में करें, सर्कस में नहीं’.
#4

फोर्ड फिगो (2013) – फोर्ड ने यह विज्ञापन एक भारतीय कंपनी जेडब्लूटी से बनवाया था. इस विज्ञापन में बूट स्पेस को ज्यादा दिखने के लिए बंधी हुई तीन महिलाओं को इटली के प्रधानमंत्री बर्लुस्कोनी के साथ दिखाया गया था. साथ ही स्लोगन भी लिखा गया था, ‘फिगो के बड़े बूट में अपनी चिंताएं पीछे छोड़ें’. इस पर सफाई देते हुए कंपनी ने कहा था कि ‘उनकी राय लिए बिना ही इसे सार्वजनिक कर दिया’. यौन हिंसा को बढ़ावा देने वाले इस विज्ञापन को खूब विरोध हुआ जिसके चलते दो ही दिन में इसको बैन कर दिया गया
#5

जैक एंड जोन्स (2016) – इस विज्ञापन से रणवीर सिंह सुझाव दे रहें थे कि महिलाएं एक वस्तु से ज्यादा कुछ नहीं. साथ ही स्लोगन लिखा है, ‘ऑफिस में ना रुके अपने काम को घर ले चलें’. इस ऐड की सोशल मीडिया पर काफी आलोचना हुई थी. साथ ही दिल्ली के एक वकील ने राष्ट्रिय महिला आयोग में रणवीर के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी. आलोचनाओं को देखते हुए बाद में रणवीर ने माफ़ी मांग ली थी.